कब्र की दुनिया (social and educational story )


                                                             कब्र की दुनिया 


मनसौखी नाई की दुकान पर फक्कड़ मिसिर सर दबवाते हुए बोलते है। 
फक्कड़- मनसौखी सर बहुत बढिया दबाते हो पर दाढ़ी बाल बनाने नहीं आता! 
मनसौखी- डेढ़ महीने में एक बार बाल दाढ़ी बनवाते हो, दोगे पांच रुपया, फ्री में सर दबवाओगे अलग से
फक्कड़- अरे मनसौखी, ये तो मोहब्बत में चलता है। 
मनसौखी- तब तो सत्तनवा के घर पूजापाठ में कुछ लोगे नहीं न! मोहब्बत में कथा सुना देना। 
फक्कड़- छोड़ो बात, थोड़ा ईधर भी दबा देना। 
मनसौखी- उधर तो टीला निकला है। 
फक्कड़- अरे तो क्या करोगे! मेरे पूरे ब्रम्हांड के ऊपर ऐसे ही है। जहाँ रेगिस्तान है वहाँ जल ही जल है और जहाँ टीला है वहाँ लाखों कब्रिस्तान है। 
मनसौखी- फक्कड़ मिसिर, ई आपका खोपडी है या खोपड़ा?
फक्कड़- तुम नहीं समझोगे इस खोपडी का राज? 
मनसौखी- समझाओ तो सही
फक्कड़- लोग हमको फक्कड़ क्यों कहते है मनसौखी? 
मनसौखी- चिरकुट की तरह बतियाते हो इसीलिए😆
फक्कड़- सही बोले😊 देखो मनसौखी पृथ्वी के तीन हिस्से पर पानी और एक हिस्सा पर धरती। 
अब देखो, एक हिस्से धरती पर पेड़, पौधा, इंसान, जानवर सब है न! खेत खलिहान, कल कारखाना सब है न! 
मनसौखी- सौ फिसदी सही
फक्कड़- अब हमारा जो ब्रम्हांड है देखो एकदम रेगिस्तान की तरह सफाचट्ट है ये जो सफाचट्ट है वो पृथ्वी का तीन हिस्सा पानी है। 
मनसौखी- नाम तुम्हरे बाप ने बिलकुल सही रखा है। 
फक्कड़- थोड़ा रेगिस्तान थपथपाओ मनसौखी (सर के ऊपर) 
मनसौखी- ठीक है थपथपाई देते है तुफान मत लाना
फक्कड़- हां तो मनसौखी! अब एक हिस्सा जो हमरा ब्रम्हांड का है उस पर जो बाल है समझ लो पृथ्वी के सभी मानवरुपी जीव जन्तु पेड़ पौधा यानि सब कुछ। 
मनसौखी- वो तो ठीक है ये बीच बीच में जो टीला हैवो क्या ज्वालामुखी है फक्कड़! 
फक्कड़- अरे नहीं वो कब्रिस्तान है। 
मनसौखी- मतलब
फक्कड़- दैखो मनसौखी, पृथ्वी पर जितने भी मुस्लिम और ईसाई है वो दिन ब दिन पृथ्वी पर जनसंख्या बढ़ा रहे है और मरने पर कब्र बनाकर पृथ्वी पर कब्जा भी करते जा रहे है। 
  आखिर देख लो पैदा हो रहे है हजार, मर रहे सौ दो सौ, हिन्दूओं का शव जला दिया जाता है और इनका जमीन में गाड़ दिया जाता है। आने वाले सैकड़ों साल बाद ये पृथ्वी मुर्दों से पटा रहेगा। रहने का जगह नहीं रहेगा। 
मनसौखी- सरकार दोषी है इसपर ध्यान क्यों नहीं जाता! 
फक्कड़- राजनीति चापलूसी पर चलता है वरना आज ओ नुनीया विधायक बनता का! 
मनसौखी- बात में दम है फक्कड़ भाई। तुम तो विज्ञान के चमत्कार में एक हो फक्कड़ भाई। 
फक्कड़-( क्रोध में) ऊ नुनीया कभी बोला कि हमारे हिन्दू भाई जो पाकिस्तान और बांग्लादेश में है उनके साथ दुर्व्यवहार क्यों किया जा रहा है? कभी हमारा प्रधानमंत्री बोला कि हम बाग्लादेश और पाकिस्तान में रहने वाले सभी हिन्दू भाईयों को हर महीने 10 हजार रुपया देंगे। तुम जनसख्या बढाओ, हम तुम्हारे साथ है। कभी बोला मनसौखी, बताओ
मनसौखी ठिठक कर बोला- ब्रम्हांड गरम मत करो फक्कड़ वर्ना भूचाल आ जायेगा😄
फक्कड़ तेज लहजे में- अबे आने दो भूचाल वूचाल साला, अगर नुनीया सामने होता तो आज उसका सब कुछ कर देते
मनसौखी- बैठ जाओ वरना दो चार और टीला निकल जायेगा फक्कड़🙃
फक्कड़- अबे भाड़ में जाये टीला वीला😄 ब्रम्हांड बहुत गरम है ये सब देखतें देखते
फक्कड़ पैर पटकते बड़बड़ाते मनसौखी नाई की दुकान से चल देता है। 
 मनसौखी- ई साला फक्कड़वा, बिना पईसा दिये (पनद्रह रुपया का दाढ़ी अऊर बीस रुपया बाल का ) चला गया साला फोकट में सर भी दबवा लिया। साला मनसौखी नाई से चालाकी 😆

                       सारांश- अगर हिंदूओं की संख्या कम होगी तो बहुत तेजी से पृथ्वी पर कब्रिस्तान की जगह बढ़ेगी। जैसे जैसे पेड़ों की कटाई हो रही है सड़के पुले सुरंगें बनाई जा रही है पूरी तरह से प्रकृति के साथ छेड़छाड़ हो रहा है इसीलिए पृथ्वी गरम होता जा रहा है नदीयां सुख रही है बर्फ गल रहा है। इन सब समस्याओं पर सरकार को गम्भीर होना चाहिए। भाषणों से नहीं जमीन पर दिखना चाहिए। हिन्दूओं पर सरकार की योजना मौन है। सिर्फ सत्ता और स्वहित के ईर्दगिर्द राजनीति हो रही है।     
                                                                                                                               ✍️राशो

टिप्पणियाँ